Friday, August 25, 2017

सत्य से साक्षात्कार एक बार

सत्य से साक्षात्कार एक बार
अंतिम सत्य है वह, 
मेरे ही नहीं सब के लिए,
कैसा होगा वह क्षण जो उससे होगा मिलन, 
कभी डर लगता तो कभी होती है, 
उत्सुकता पूरे शरीर में, 
एक क्षण में रूक जायेगा रक्त का बहाव,
 या पहले होगी हृदय गति बंढ, 
हाथ पाॅव के साथ पूरा शरीर जमने लगेगा बर्फ सा उसी क्षण मुक्त हो जाऊॅगी, 
 हर बंधन से शरीर में अकड़न और उस क्षण सांसे रूक जायेगी होता ह,ै 
आशान मृत्यु का तब करीब आ जाती है ।
जीवन के एहसास होती है जीवन की खूबसूरती यादें आने लगते है ,
सारे अधूरे काम अचानक से बढ़ जाता है, 
रिश्तों से मोह बस उसी पल होता है ,
सत्य से साक्षात्कार मैं अपनी उदासी से जाग जाती है, 
बस जी लेना चाहती हूॅ जिंदगी को खुलकर मृत्यु से पहले एक बार। 

Tuesday, August 15, 2017