Thursday, April 27, 2017

महिला सशक्तिकरण में सिटी मॉन्टेसरी स्कूल लखनऊ के सामुदायिक रेडियो की भूमिका का विश्लेषण

 महिला सशक्तिकरण में सिटी मॉन्टेसरी स्कूल लखनऊ के सामुदायिक रेडियो की भूमिका का विश्लेषण

वर्तमान में महिलाएं हर क्षेत्र में परचम लहरा रही है। चाहे वह ऑफिस, चिकित्सा, बैकिंग, मीडिया आदि सभी क्षेत्र महिलाओं के प्रभुत्व से अछूते नहीं है। जिससे उनकी भूमिका में बढ़ोत्तरी हो रही है।
महिलाओं के विकास के बिना किसी भी राष्ट्र का विकास संभव नहीं है। इसी दिशा में भारत में महिलाओं की स्थिति आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से सुधार हेतु सरकार की विभिन्न योजनाओं को चला रही है। महिलाएँ परिवार, समाज एवं सुदृढ़ राष्ट्र की रचना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।  महिला मानव परिवार, सभ्यता एवं संस्कृति का आधार स्तम्भ है।
इसी दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए भारतीय संविधान में महिलाओं के उत्थान के लिए शिक्षा एवं रोजगार से सम्बन्धित समान अवसर, समाज आजीविका, समान कार्य के समान भुगतान के अधिकार दिए गए हैं। इस प्रकार महिलाओं को विकास की मुख्य धारा से जोड़े बिना किसी समाज, राज्य एवं देश के आर्थिक सामाजिक और राजनैतिक विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है।
महिला सशक्तिकरण भारत में महिलाओं की स्थिति आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से काफी सुधार आया है। स्त्री शिक्षा हेतु सरकार की विभिन्न योजनाओं ने स्त्री साक्षरता में वृद्धि की है। इसके अतिरिक्त अनुसूचित जाति -जनजाति हेतु आरक्षण की व्यवस्था, चिकित्सा, बैकिंग, मीडिया आदि सभी क्षेत्र महिलाओं के प्रभुत्व से अछूते नहीं है। ऐसे में मीडिया का भूमिका अहम हो जाती है यह शोधपत्र यही जानने का प्रयास है कि सी0एम0एस0 सामुदायिक रेडियो महिलाओं के विकास में क्या योगदान दे रहा है ? महिलाओं की समस्याओं के समाधान के लिए क्या और कैसे कार्यक्रम बना रहा है

भारत में सामुदायिक रेडियो का आगमन -1995 में सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश के निर्णय कि वायु तरंगे सार्वजनिक है के बाद 18 दिसम्बर 2002 को भारत सरकार द्वारा भारत में सामुदायिक रेडियो स्टेशनों को स्थापित करने हेतु नीतिगत दिशा निर्देश को पारित किया था। यह दिशा-निर्देश सामुदायिक रेडियो स्टेशन खोलने के इच्छुक व्यक्तियों के एक स्पष्ट रुप से मार्गदर्शिका है।
वर्ष 2002 में भारत सरकार ने देश में सिर्फ शैक्षणिक संस्थाओं जैसे कि आई0टी0आई, आई.आई.एम., सुस्थापित शैक्षणिक संस्थाओं, स्कूल विश्वविद्यालय आदि को सामुदायिक रेडियो स्टेशन चलाने के लाइसेंस देना प्रारम्भ किया।
सामुदायिक रेडियो अपने कार्यक्रमों के प्रसारण के माध्यम से समुदाय के सदस्यों को शामिल कर उनकी समस्या सुनता, चर्चा करता और समाधान प्रस्तुत करता है। यह कोई वाणिज्यिक या पैसों का लाभ करने के लिए नहीं बल्कि सामुदायिक हितों को प्रेरित करने वाली प्रसारण सेवा है।
   सारी बातों से यह स्पष्ट हो जाता है कि सामुदायिक रेडियो का उद्देश्य समुदाय के सदस्यों को शामिल कर समुदाय की सेवा करना है। सामुदायिक रेडियो का फोकस शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, ग्रामीण कृषि और सामुदायिक विकास से संबंधित मुद्दों पर ध्यान में रखकर सांस्कृतिक और स्थानीय मुद्दों और विषयों पर प्रस्तुति और प्रतिबिंबित करने पर रहता है। यह स्थानीय भाषा में ही स्थानीय लोगों की समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करता है।
   सी0एम0एस0 सामुदायिक रेडियो के कार्यक्रम और कवरेज क्षेत्र-
सिटी मोन्टेसरी स्कूल लखनऊ का एक निजी स्कूल हैं। इसकी स्थापना 1959 को डॉ भारती गॉधी और डॉ जगदीश गॉधी ने की थी । यह प्रारम्भिक दौर में प्रेरणादायक और शैक्षणिक कार्यक्रमों का प्रसारण करता था। सी0 एम0 एस0 सामुदायिक रेड़ियो गैर लाभकारी रेडियो है। यह शहरी और विशेष कर गरीब ग्रामीण समुदाय के प्रति प्रतिबद्व है। यह किसी प्रकार के विज्ञापन नहीं लेता है। यह गोमती नगर 90.4 मेगाहर्टस और ब्डै एल.डी.ए. कानपुर रोड 90.4 मेगाहर्टस की फ्रिकेवेन्सी पर चला रहा है। सिटी मांटेसरी स्कूल के सामुदायिक रेडियो चैनल गोमती नगर और सी0एम0एस0 डिग्री कॉलेज के सामुदायिक रेडियो जुलाई 2005 में केन्द्रीय मानव संसाधन अर्जुन िंसंह ने उद्घाटन किया। जयपाल रेड्डी सूचना एवं प्रसारण मंत्री थे। डा0 जगदीश गाँधी चेयरमैन और मिसेज डा0 भारती गाँधी सी0एम0एस0 की प्रसीडेंट है। यह एक ऐसा प्रयास था जिसने बिना पढ़ी-लिखी और गरीब बच्चों और श्रोताओं को लाभ पहुँचाने की पहल की गयी थी।
वर्ष 2005 में इसको शैक्षणिक रेडियो के लिए लाइसेंस मिला इस दौरान सेलेबस, शैक्षणिक गतिविधियाँ व विषय से सम्बन्धित कार्यक्रम प्रसारित किये जाते रहे जिसमें शिक्षण व छात्र दोनों भाग लेते।
2008 में दिल्ली में एक मीटिंग बुलाकर सरकार में निर्देश किये कि ब्डै को सिर्फ शैक्षाणिक नहीं विकास से जुड़े कार्यक्रम बनाये चहिए। इसके बाद से ही समुदाय की लड़कियों और महिलाओं की सक्रिय भागीदारी और महिला सशक्तिकरण का माध्यम बनकर सिटी मॉन्टेसरी स्कूल का सामुदायिक रेडियो ने सफलता के अनेक उदाहरण प्रस्तुत किये है।
ग्रामीण विकास व लोकहित के लिए ब्डै ने 6 गाँव के विकास के प्रयास किया। यह गोमती नगर ब्रांच के गाँव मल्हौर, मकदूमपुर,खड़गापुर, और एल.डी.ए. ब्रांच के गाँव झिलझिलापुरवा, गिन्दन खेड़ा, ललईखेड़ा व उसी के पास स्थित सपेरा बस्ती है। इसके साथ ही निजामपुर, मल्हौर, लोनापुर, पखद्मपुर नगर, वीराखेड़ा, ललई खेड़ा अशरफ नगर, नवाबपुर, डिगडिगा, ग्वारीपुरवा, खडगपुर, नूरपूर, अर्जुनगंज, गोमती नगर, तेलीबाग, आलमबाग, एल0डी0ए0, रजनीखंड, उत्तेरेढ़िय, बंगला बाजार, मकइमपुर, अरशफ, नगर, खडगपुर, लोनापुर और अशियाना आदि कवरेज जोन में 10-12 किलोमीटर रेडियस के 20 लाख जनता आती है।
 जिसमें स्थानीय लोगों की सहभागिता रहती है। हेड आफिस से सामुदायिक रेडियो कार्यक्रमों के प्रमुख वर्गीस कुरियन और आर. के. सिंह है। हर्ष बावा, सोमा घोष, वनिता शर्मा, रविन्द्र त्रिपाठी, मदन के साथ स्थानीय समुदाय के अनेक एंकर और सदस्यों की सहभागिता से कार्यक्रमों का निर्माण किया जाता है। 90ण्4 मेंगाहर्ट्ज पर इसके कार्यक्रमों की शुरूआत प्रतिदिन स्ांकेत ध्वनि से रेडियो प्रसारण की शुरूआत होता है। कुछ कार्यक्रमों का प्रसारण प्रतिदिन होता है। जिनमें अर्चना भक्ति गीतों का कार्यक्रम है, जिसमें सर्वधर्म समभाव के आधार पर पॉच भक्ति गीत बजते है। बात पते की में उस दिन से जुड़ी रोचक और खास जानकारी देते है। विशेष तौर पर सोमा घोष और वनिता शर्मा महिला सशक्तिकरण को समर्पित अनेक कार्यक्रमों का निर्माण सामुदाय की महिलाओं के साथ मिल कर उन्ही के लिए करती है। इसके साथ ही अनेक ऐसे नाम है जो समुदाय के लिए प्रेरणास्त्रोत बने है।
    नन्हों की दुनिया बच्चों का कार्यक्रम जिसमें कविता, कहानी और एक रोचक सरप्राइज प्रस्तुती के अंतगर्त ज्ञानवर्द्वक और मजेदार तरीके से बच्चों में मूल्यों का सृजन किया जाता है। कम्यूनिटी गतिविधियां समुदाय की रचनात्मक और सांस्कृतिक गतिविधियों पर आधरित कार्यक्रम है। गीतों की झंकार समुदाय की पसंद के गीत समुदाय के कलाकारों द्वारा सुनाये जाते हैं। जनहित में जारी-यह लाईन फोन इन कार्यक्रम विशेषज्ञों के माध्यम से सरकारी एवं गैर सरकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी अपने श्रोताओं तक पहुचाता है। इस कार्यक्रम में कम्यूनिटी श्रोता फोन के माध्यम से विस्तृत जानकारी प्राप्त कर लाभ उठाते हैं।
नारी शक्ति महिला सशक्तिकरण से सम्बन्धित कार्यक्रम है तो ज्ञान अनुभव की बातें प्रेरणादायक है इसमें सी0एम0एस के संस्थापक और प्रबंधक डा0जगदीश गांधी और निदेशिका डा0 भारती गांधी प्रेरक और अनुभवप्रद सीख के साथ अनुभव ज्ञान की बाते बताते है। प्रेरणादायक गीत में प्रेरणादायक गीत  प्रेरणा देते गीत सुनाये जाते है।
अंग्रेजी की पाठशाला में इसमें अंग्रेजी भाषा की जानकारी रोचक तरह से दी जाती है। एक मुलाकात में समुदाय के विशेष लोगों से मुलाकात करवायी जाती है।
हम होगें कामयाब लघु में कुटीर उद्योगों की जानकारी दी जाती है।
योग और हम लाइव फोन इन कार्यक्रम है जिसमें योग विशेषज्ञ के माध्यम से लोगों
को योग के प्रति जागरूकता एवं उससे होने वाले शारीरिक एवं मानसिक लाभों से
अवगत कराता है। इसमें श्रोता फोन के माध्यम से किसी भी विकार को योग से
कैसे दूर किया जाता है इसकी जानकारी प्राप्त करता है।
रंग मंच कार्यक्रम में कम्यूनिटी सदस्यों के माध्यम से नाटकों में, विभिन्न किरदारों के माध्यम से, जीवन सम्बन्धी मूल्यों को समझाया जाता है।
     सरगम शास्त्रीय संगीत पर आधरित कार्यक्रम है। मन की बात आपके साथ परिचर्चा का कार्यक्रम है। एक अनोखी उड़ान में समुदाय के विशेष लोगों से मिलवाया जाता है। ज्ञान दर्पण जानकारी आधरित कार्यक्रम है।
 अनमोल रतन कार्यक्रम में शहर की महिलाओं की उत्थान एवं विकास की
कहानी उनसे की गई बातचीत के माध्यम से श्रोताओं तक पहुंचाई जाती है। जो
क्षेत्र के लिए प्रेरणास्त्रोत का काम करता है।
 माटी के गीत लोकगीतों का लाइव फोन इन कार्यक्रम है जिसमें समुदाय के लोगों को लोकगीतों को सुनने और सुनाने का अवसर मिलता है। हमारी रसोई कार्यक्रम में कम्युनिटी सदस्यों द्वारा व्यंजन बनाने के तरीके श्रोताओं तक पहुंचाये जाते हैं।
युवा मंच कार्यक्रम कम्यूनिटी के युवाओं के माध्यम से सम-सामयिक विषयों
पर परिचर्चाएं करवाता है और स्थानीय युवाओं में प्रेरणा एवं जागरूकता लाने का प्रयास किया जाता है। ढलती शाम को सलाम कार्यक्रम समाज के वरिष्ठजनों को समर्पित है। जिसमें बुजुर्गों द्वारा जीवन मूल्यों एवं अनुभवों से जुड़ी हुई उनकी अपनीही कहानी उन्हीं की जुबानी श्रोताओं तक पहुंचाई जाती है। हम और हमारे कानून लाइव फोन इन कार्यक्रम है जिसमें श्रोताओं को कानूनी सलाह दी जाती है।
सेहत की बात डॉक्टर के साथ जो कि लाइव फोन इन कार्यक्रम है । इसमें डाक्टरों के
माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य सम्बन्धी परामर्श दिया जाता है।
अम्मा की बातें  कार्यक्रम में वरिष्ठ ग्रामीण महिलाओं द्वारा अनुभव और जीवन सम्बन्धी व्यवहारिक बातों का आदान-प्रदान किया जाता था।
साथी हाथ बढ़ाना नामक कार्यक्रम के माध्यम से नित्य नये-नये विषयों से, श्रोताओ को सामाजिक कुरूतियों, अंधविश्वास एवं रोगों सम्बन्धी समस्याओं को दूर करने का प्रयास था। सामुदायिक रेडियो का फोकस सामुदायिक रेडियो सेवा पर कार्यक्रमों, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, ग्रामीण कृषि और समुदायिक विकास से संबंधित मुद्दों पर ध्यान रखकर सांस्कृतिक और स्थानीय मुद्दों और स्वरूप, विषय, प्रस्तुति और प्रतिबिंबित करने पर रहता है। यह स्थानीय भाषा में ही स्थानीय लोगों की समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करता है। कृषि गतिविधियाँ व विषय से सम्बन्धित कार्यक्रम प्रसारित किये जाते रहे जिससे स्थानीय किसान व दोनों भाग लेकर जुड़े और कार्यक्रम बनाये चहिए। इसमें कम्युनिटी सदस्य भी सहभागिता करते थे। जमाना बदल गया कार्यक्रम  मैग्जीन विधा पर आधरित बेटियों और महिलाओं की समस्याओ का समाधान खोजता कार्यक्रम है।
महिला सशक्तिकरण व महिलाओं के विकास के विकास के साथ-साथ स्वास्थ्य, कृषि, खेती, रहन-सहन, संगीत पर आधारित होते हैं। महिलाओं से जुड़े कार्यक्रमों के बारे में उन्होंने बताया कि सामुदायिक शोध के दौरान हमने पाया कि महिलाएँ घर में रहती हैं। वह पारिवारिक निर्णयों में कुछ बोल नहीं पाती अतः सामुदायिक रेडियो को महिलाओं के विकास, सशक्तिकरण के बारे में कुछ कार्यक्रम बनाने और प्रसारित करने चाहिए। यह कार्यक्रम उनसे इंटरव्यू, परिवार व्यवहार और यह जिस समस्या से जूझ रही है उन पर चर्चा करनी चाहिए। समाधान देना चाहिए और वकीलों से कानूनी सलाह पर आधारित कार्यक्रम भी बनाते हैं इसी प्रयासों महिलाओं में स्वास्थ्य के साथ-साथ अन्य बातों की जागरूकता आयी है।
इस प्रकार यह कह सकते है कि महिलाओं के द्वारा कार्यक्रम निर्माण और संचालन में समुदाय की महिलाओं के साथ मिल कर उन्ही के लिए प्रसारण भी करती है।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सी0 एम0 एस0 सामुदायिक रेड़ियो स्टेशन से अनेक ऐसे नाम है जो समुदाय के लिए प्रेरणास्त्रोत बने है।
छेनावती  20 वर्षीय छेनावती स्टुडियों मे मार्च 2009 को आयी थी। उसने एक भजन सुना था। उसने पहले एक भजन सुनाया फिर धीरे-धीरे अन्य रेडियो कार्यक्रमों मे भागीदारी की । एंकरिंग और कम्प्यूटर वर्क सीख। समय के साथ वह लाइव फोन इन कार्यक्रम और रिर्काडेड सभी प्रकार के कार्यक्रमों मे भागीदारी लेने लगी। छेनावती एक सक्रिय श्रोता के साथ वलेन्टियर भी है। वह गॉव महिलाओं को लोकगीत गाने के लिए प्रेरित करती है।छेनावती के ब्यक्तित्व विकास में सी0 एम0 एस0 सामुदायिक रेड़ियो का बहुत योगदान है। वह मानती है कि पहले उसे किसी अजनबी से बात करने में संकोच लगता था। एक झिझक होती, लेकिन जब से उसे अवसर मिला एक मंच मिला उसका व्यक्तित्व बदल गया।
शिवानी अग्रवाल- 20 वर्षीय पोलियों की बीमारी से जूझती शिवानी फोन इन कार्यक्रमों मे सक्रिय भागदारी करती थी। समय के साथ उसने सामुदायिक रेडियो स्टेशन आना शुरू किया। एंकरिंग, एडिटिंग तथा कम्पयूटर का काम सीखा। शिवानी का कहना है कि पहले वह सबसे बात करने में भी डरती थी लेकिन जब से सामुदायिक रेडियो स्टेशन से जुड़ी उकी सारी झिझक दूर हो गयी ।अब वह माइक पर बोल सकती और उनके भजन और कविता नियमित रूप मे बजने से उसका आत्मविश्वास कई गुना बढ़ गया है।
नन्दनी- नन्दनी स्नातक की छात्रा है रेडियो स्टेशन मे जोड़ा वर्तामान में ना सिर्फ वह कुशलता से एंकरिंग कर रही है बल्कि दो बार दिल्ली जाकर वर्कशाप मे भागीदारी की है। अपी प्रतिभा के बल पर उसने मिसाल कायम की जनवरी 2014 मे महिला कार्यशाला में वह ट्रेनर बनी उसने अन्य महिलाओं ट्रेनिंग दी । पया, शालिनी, मालती, श्रुति अनेक  स्थानीय समुदाय के सदस्य है जो सक्रियता से सामुदायिक रेडियो स्टेशन के इन डोर और आउटडोर सभी कार्यक्रमों में भाग लेते है।
राम श्री गुप्ता- महिला सशिक्तकरण का सशक्त उदाहरण है। वह समुदाय की ऐसी सदस्य है जो स्वयं तो पढ़ ही रही है साथ ट्यूशन पढ़ा समुदाय के बच्चों में शिक्षा का उजाला फैला रही है। सिविल सेवा की तैयारी कर रही राम श्री 2009 से सी0 एम0 एस0 सामुदायिक रेड़ियो स्टेशन से जुड़ी है। वह दिल्ली मे विज्ञान में सी0 एम0 एस0 की प्रतिनिधि के रूप में गयी थी। अपना देश और नियमित एंकरिग के साथ अन्य मीटिंग और गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी करती है। राम श्री में जो आत्मविश्वास और कार्य के प्रति लगन हैं। समुदाय के अन्य सदस्यों के लिए प्रेरणा स्त्रोत है।
सरिता -21 वर्षीय सरिता रावत गॉव जिलाजिला पुरवा की निवासी है। जिसमे अपना स्नातक पूरा कर लिया है। उसके पिता को पैरालिसिस का अटैक  आने के कारण उनका स्वास्थ्य इतना बिगड़ चुका है कि वह पारिवारिक दायित्वों मे पूर्ति में असक्षम है।सरिता का स्वास्थ्य भी खराब रहता था। एक बार उसके सी0 एम0 एस0 रेड़ियों स्टेशन के’’ सेहत की बात डाक्टर के साथ’’ में कॉल किया जो प्रत्येक रविवार आता है और अपनी व्यक्गित  स्वास्थ्य  समस्या बतायी दूसरी तरफ  फोन पर डा0 अमिता पाण्डेय थी। सरिता फोन पर अपनी बीमारी जो कि एनीमिया थी से जुड़े व्यक्तिगत सवालों के जवाब देने में संकोच कर रही थी डा0 अमिता ने उन्हे अस्पताल आने की सलाह दी जिसमे सरिता असक्षम थी। उस वक्त सरिता के मदद के लिए सी0 एम0 एस0 की टीम ने महिला एंन्कर भेजी जो कि सरिता को अस्पताल तक ले गयी।सरिता की अस्पताल की फीस और दवाईयों का खर्च पूरा सी0 एम0 एस0 सामुदायिक रेड़ियो ने वहन किया। इलाज के बाद जल्दी ही सरिता को स्वास्थ्य लाभ हुआ। इसी दोरान सरिता के दिल में छुपे सपनों का जानने का मौका सी0 एम0 एस0 टीम को मिला ।सरिता अच्छे लोकगीत गाती है दूसरों की बातों को गहराई से समझती है उसके दिल में कुछ कर गुजरने की तमन्ना थी।ऐसे में वह अपने गॉव के लिए बहुत कुछ करना चाहती थी। बस फिर क्या था सरिता एंकर के रूप मे रेड़ियो से जुड गयी। उसे सी0 एम0 एस0 रेडियोस्टेशन मे ट्रेनिंग दी गयी। उसने हरी सब्जियॉ खाना शुरू किया साथ ही वह गॉव की अन्य लड़कियॉ के लिए प्रेरणा स़्त्रोत बन गयी। वर्तमान मे सरिता एक कुशल एंकर है। उसने “साथी हाथ बढ़ाना’’ नामक कार्यक्रम में एंकरिग की है ।साथी हाथ बढ़ाना कार्यक्रम विभिन्न ग्रामीण समस्यों और साफ-सफाई के साथ-साथ पानी बचाओं स्वच्छता आदि में जुड़े सामाजिक और स्थानीय समुदाय के मुद्दों से जुड़ी श्र्ृंखला थी।इसी कार्यक्रम को थिमेटिक कैटेगरी का राष्ट्रीय पुरूस्कार 18 फरवरी 2012 को नई दिल्ली के राष्ट्रीय सामुदायिक रेडियो सम्मेलन में मिला। सरिता का कहना है कि ’’मै हमेशा से कुछ अलग करना चाहती थी लेकिन गॉव में इतने साधन नहीं है।मेरे पास हजारों सपने थे लेकिन पूरा करने का जरिया नही था। मै अपने गॉव के लिए बहुत कुछ करना चाहती थी कुछ कर नही पाती। जबसे सी0 एम0 एस0 सामुदायिक रेड़ियो स्टेशन से जुड़ी हुँ तब से गॉव के लोगो तक अपनी बात पहुँचा पा रही और उन्हे संवेदनशील मुद्दो के प्रति जागरूक भी कर पर रही हूँ। ऐसी अनेक शहरी व ग्रामीण महिलाओं के विकास के लिए समय-समय पर कार्यशलाओं का भी आययोजन करवाता है और अलग से भी रेडियो के माध्यम से प्रोग्राम चलाये जाते हैं। इससे महिलाओं के लिए विभिन्न प्रकार के समस्याओं के समाधान के लिए अनेक कार्यक्रम प्रस्तुत किये जा रहे है। महिलाओं के विकास के लिए शहरी व ग्रामीण महिलाओं के लिए अलग से भी सामुदायिक रेडियो के माध्यम से प्रोग्राम चलाये जाते हैं। इससे महिलाओं के लिए विभिन्न प्रकार के समस्याओं के समाधान के लिए अनेक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जा सकता है।
निष्कर्ष एवं सुझाव-

अध्ययन के उपरान्त निष्कर्ष रूप में कह सकते है सी0एम0एस0 सामुदायिक रेडियो की संकल्पना ने महिला सशक्तिकरण में अहम भूमिका निभायी है। जो कि अग्रलिखित है।
महिला साक्षरता पर विशेष ध्यान देकर।
रेडियो के कार्यक्रमों के माध्यमों से अंधविश्वास व रूढ़िगत बातों को दूर किया।
विभिन्न आयु समूह की महिलाओं की शिक्षा और व्यवसाय शिल्प, प्रशिक्षण, स्वरोजगार, व्यवसाय  कार्यक्रम प्रसारित किये ।
महिलाओं को कानूनी सलाह सम्बन्धी कार्यक्रमों का निर्माण किया।
महिलाओं के मनोरंजन हेतु उनकी रूचि के अनुरूपक कार्यक्रम बनाकर ।
महिलाओं को बचत व लोन और वित्तिय स्कीमों की जानकारी देकर।
पारिवारिक और ऐसी व्यक्तिगत समस्याओं के लिए ऐसे कार्यक्रमों का निर्माण किया जाये कि महिलाए अपनी समस्याओं का समाधान खोजा।
सामुदायिक रेडियों में ऐसे कार्यक्रम प्रसारित किये जाये जिनके माध्यम से वह अपनी लोक कला, परंपरा व हुनर से धन कमाने के  नुस्खे सीखे।
स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी के कार्यक्रम बनाये।
महिला-कैरियर सम्बन्धी कार्यक्रमों का निर्माण किया।
भारत की अधिकांश जनसंख्या अभी तक गांवों में रह रही है। इनकी विविध भाषा तथा संस्कृति हैं। इनको राष्ट्र की मुख्य जीवनधारा से जोड़कर ही हम समग्र भारत के विकास का स्वप्न साकार कर सकते हैं। इस सपने को सामुदायिक रेडियो पूरा कर सकता है।
    संदर्भ ग्रन्थ सूची
जुलाई-सितम्बर, 2004 विदुर, पेज नं0-38 पर संजीव भनावत और क्षिप्रा माथुर।
 संचार श्री ‘‘शोध-पत्रिका’’, अक्टूबर से दिसम्बर, 07
इलेक्ट्रानिक मीडिया-डॉ0
साईमा सैयद जमिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली का शोध पत्र
दृश्य एवं जनसंचार माध्यम - कृष्ण कुमार रट्ट
  सामुदायिक रेडियों हैण्डबुक - सोसाइटी फॉर मीडिया एण्ड सोशल डेवलपमेन्ट वाराणसी, 2008
कु़रूक्षेत्ऱ सितम्बर 2005
कु़रूक्षेत्ऱ सितम्बर 2006



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