सामुदायिक रेडियो और सामाजिक मूल्य -एक विश्लेषण
( लखनऊ के विशेष संदर्भ में)
डॉ. साधना श्रीवास्तव
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है जिसके जीवन में आदर्श और मूल्यों का विशेष स्थान होता है।मूल्य वह होते है जिनके द्वारा मनुष्य का जीवन उन्न्त और सुन्दर बनता है।
इन मूल्यों को जीवन में अपनाने से ना सिर्फ चरित्र निर्माण बल्कि जीवन के मार्ग में आगे बढ़ने के सुअवसर प्राप्त होते है।
मूल्यों को हम अनेक रूपों में देखते जैसे कि 1 जीवन मूल्य 2 व्यक्तिगत मूल्य 3 सामाजिक मूल्य 4 राष्टीय मूल्य 5 अन्तर्राष्टीय मूल्य आदि। 1
इन मूल्यों का निर्माण व्यक्ति के परिवार ,आस पड़ोस और अनेक माध्यमों से होता है।इन सब के साथ ही मूल्यों के निर्माण में शिक्षा का भी विशेष महत्व होता है। अच्छी शिक्षा से मूल्य शिक्षा प्रदान कर सकते है।स्कूल कॉलेज के सिवा शिक्षा के क्षेत्र में रेडियो भी अहम भूमिका निभा रहा है।रेडियो कार्यक्रमों की विभिन्न विधाओं जैसे-लघु कथाएं,नाटक,गीत,कविता,विशेष व्यक्तियों से मुलाकात ,वार्ता,परिचर्चा,प्रश्नमंच ,रूपक आदि के माध्यम से रेडियो लोगो में सूचना,शिक्षा और मनोरंजन के साथ मूल्यों और आदर्श की जानकारी भी दे रहा है।इन कार्यक्रमों को विद्यालय की प्रार्थना सभा में कक्षा में,सामुदायिक केन्द्रों में चलाया जा रहा है। इन कार्यक्रमों का प्रयोग करके शिक्षक और छात्र सामुदायिक परिचर्चा का प्रयोग करके प्रभावी सेचार कर रहे है। रेडियो के अनेक रूपों में सामुदायिक रेडियो की भी एक है।यह अवधारणा 1995 से भारत में आयी।सामुदायिक रेडियो वह माध्यम है, जिसमें किसी समुदाय की विशेष की जरूरतों को ध्यान में रखकर एक निश्चित भू-भाग के अन्दर रेडियो कार्यक्रमों का प्रसारण करना होता है ।इन प्रसारित कार्यक्रमों में उस समुदाय की सक्रिय सहभागिता होना आवश्यक है यानि की सरल शब्दो में कहे तो समुदाय के लिए समुदाय के द्वारा समुदाय का प्रसारण ही समुदायिक रेडियो है। यह समुदाय के पराम्पराओं,मूल्यों और संस्कृति और प्रतिभाओं को मंच प्रदान करता है। ऐसे में मूल्यों के निर्माण में सामुदायिक रेडियो के कार्यक्रमों किस प्रकार की भूमिका निभा रहे है। प्रस्तुत शोध पत्र में यही जानने का प्रयास किया गया है।प्रस्तुत शोध पत्र को निम्न भागों में बॉंटा गया है-
1 सामुदायिक रेडियों के मूल सिद्वांत में सरकार ने किन-किन स्थानों पर मूल्यों को स्थान दिया है इसका अध्ययन किया जायेगा।
2 लखनऊ सामुदायिक रेडियो के कार्यक्रमों का अध्ययन किया जायेगा।
3 सामुदायिक रेडियो की मूल्यों के संरक्षण में भूमिका का वर्णन करना
4 निष्कर्ष
निदर्शन- लखनऊ के सी एम एस के सामुदायिक रेडियो
पद्धति-कार्यक्रमों का अध्ययन और विशेषज्ञों से चर्चा के द्वारा विषय से सम्बन्धित ज्ञान प्राप्त किया है। द्वितीयक स्रोतों में पुस्तकों, शोध पत्रों का अध्ययन किया गया है। वर्णनात्मक पद्वति का चयन किया गया ।
अध्ययन का उद्देश्य
1 सामुदायिक रेडियो की प्रकृति में मूल्यों का अध्ययन करना।
2 लखनऊ सामुदायिक रेडियो के कार्यक्रमों का का अध्ययन करना।
अध्ययन की उपकल्पना-
1 सामुदायिक रेडियो के मूल सिद्वांत में सरकार ने मूल्यों को स्थान दिया है ।
2 सामुदायिक रेडियो की मूल्यों के संरक्षण में भूमिका निभा रहे है।
सामुदायिक रेडियो
मानव के जीवन में मूल्य शिक्षा बहुत उपयोगी है परिवार ,सामुदायिक केन्द्र ,विद्यालय प्रार्थना सभा ,और सामुदायिक परिचर्चा ,किताबों आदि अनेक मार्ग है ।2
वही मीडिया में सामुदायिक रेडियो मूल्यों के संरक्षण में किस प्रकार अहम भूमिका निभा सकता है इस सन्दर्भ में सरकार ने सामुदायिक रेडियो की आवेदन प्रक्रिया से लेकर कार्यक्रमों के निर्माण में निष्पक्षता के साथ पराम्परा और संस्कृति के संरक्षण हेतु अनेक प्रवधान रखे है।जिनका विवरण जानने से पूर्व भारत में सामुदायिक रेडियो केन्द्र शुरु करने के के प्रारम्भिक प्रयासों को एक नजर डालते है-
1995 में सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश के निर्णय कि वायु तरंगे सार्वजनिक है के बाद 18 दिसम्बर 2002 को भारत सरकार द्वारा भारत में सामुदायिक रेडियो स्टेशनों को स्थापित करने हेतु नीतिगत दिशा निर्देश को पारित किया था। यह दिशा-निर्देश सामुदायिक रेडियो स्टेशन खोलने के इच्छुक व्यक्तियों के एक स्पष्ट रुप से मार्गदर्शिका है।
वर्ष 2002 में भारत सरकार ने देश में सिर्फ शैक्षणिक संस्थाओं जैसे कि आई0टी0आई, आई.आई.एम., सुस्थापित शैक्षणिक संस्थाओं, स्कूल विश्वविद्यालय आदि को सामुदायिक रेडियो स्टेशन चलाने के लाइसेंस देना प्रारम्भ किया।
सामुदायिक रेडियो स्टेशन के संस्थापन में दूसरा परिवर्तनकारी वर्ष 2006 था, इसमें भारत सरकार ने पुनः सोच-विचार किया और भारत सरकार ने गैर लाभकारी एन.जी.ओ. को सामुदायिक रेडियो स्टेशन खोलने के लिए लाइसेंस देने का मन बनाया।3
सामुदायिक रेडियो की मूल्यों के संरक्षण के सन्दर्भ में सरकार की भूमिका-
सम्पूर्ण विस्तृत नीति निर्देशक नौ भागों में बंटी है जो नीति और मूल्यों की रक्षा का कार्य कर रही है।जिनमें जगह-जगह मूल्यों का ध्यान रखा गया है जो कि अग्रलिखित है-
1. मूल सिद्धांतः में मूल्यों का स्थान- नीति-निर्देश का पहला भाग मूल सिद्धांत कहलाता है जिसमें स्पष्ट रुप से उल्लेख है कि सामुदायिक रेडियो स्टेशन खोलने के लिए किमी भी संगठन को किन-किन मापदंडो को पूरा करना होगा। कोई भी ऐसी संस्था जो समाज सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम कर रही है, बिना लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य के साथ विकास को प्रतिबद्ध हो और तीन साल का समाज सेवा का कार्य अनुभव को रिकार्ड प्रमाणित करना होता है।
2. जो भी संस्था सामुदायिक रेडियो स्टेशन शुरु करना चाहते हैं, उन्हें स्थानीय स्तर पर अपने समुदाय की पूरी जानकारी होनी चाहिए। अपने समुदाय के प्रति सेवा भाव होना चाहिए।
3. जो भी इच्छुक संस्था सामुदायिक रेडियो शुरु करना चाहते हैं उनका स्वामित्व और प्रबंधन स्वयं का होना चाहिए। जिससे यह स्पष्ट हो कि सामुदायिक रेडियो का संचालन स्वयं करना है जिसका उद्देश्य मात्र सेवा ही है।
4. सामुदायिक रेडियो स्टेशन से जो भी कार्यक्रम प्रसारित होंगे वह स्थानीय समुदाय की शैक्षणिक, विकासात्मक, सामाजिक और सांस्कृतिक आवश्यकताओं को समझते हुए उसी के अनुरुप होने चाहिए।
5. सरकार द्वार संस्थाओं के लिए निर्धारित सोसाइटी अधिनियम ;ैवबपमजल ।बजद्ध अर्थात् विधिक कंपनी होनी चाहिए। कानूनी रुप से उसे समिति पंजीकरण अधिनियम अथवा इस प्रयोजन से संबद्ध ऐसे किसी अन्य अधिनियम के तहत होना चाहिए। सामुदायिक रेडियो स्टेशन खोलने के आवेदन करते समय संस्था के सभी कानूनी दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ती है।
सामुदायिक रेडियो स्टेशन खोलने के पात्रता मानदंड में मूल्यों की झलक-सरकार ने स्पष्ट से यह उल्लेखित किया है कि कौन सामुदायिक रेडियो खोल सकता है और कौन नही यह जानकारी अग्रलिखित है-
कौन सामुदायिक रेडियो खोल सकते हैं
कौन सामुदायिक रेडियो नहीं खोल सकते हैं
सामुदायिक रेडियो स्टेशन तीन तरह के संस्था अथवा संगठन खोल सकते हैं। जो भी संगठन नीति-निर्देशों के पैरा - 1 के मूल सिद्धांत में लिखित बातों को पूरा करता है। तीन वर्ष का कार्य अनुभव हो तो कोई सिविल सोसाइटी, स्वैच्छिक संगठन, राज्य कृषि विश्वविद्यालय (एस.ए.यू.), आई.सी.ए संस्थाएं, पंजीकृत सोसाइटी, कृषि विज्ञान केन्द्र, पब्लिक ट्रस्ट जो सोसाइटी अधिनियम में पंजीकृत हों या सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त हो वह सामुदायिक रेडियो स्टेशन खोलने के लिए आवेदन कर सकता है। इसके अतिरिक्त शैक्षणिक संस्थाएं भी सामुदायिक रेडियो खोल सकते हैं।
भारत सरकार ने अपने नीति-निर्देश में स्पष्ट लिखा है कि कौन-कौन सामुदायिक रेडियो नहीं खोल सकते हैं।
1. किसी व्यक्तिगत को सामुदायिक रेडियो का लाइसेंस नहीं मिलेगा।
2. किसी भी राजनीतिक दल या उससे जुड़े संगठन (छात्र और महिला संगठन, व्यापार संघों और इनसे जुड़े किसी भी संगठन को लाइसेंस नहीं मिल सकता है।)
3. किसी भी ऐसे संगठन को जो पैसा कमाने और लाभ के लिए सामुदायिक रेडियो खोलना चाहता है उसे लाइसेंस नहीं मिलेगा।
4. केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा प्रतिबंध हुये संगठनों को लाइसेंस नहीं मिलेगा।
समुदायिक रेडियो खोलने की आवेदन प्रक्रिया - आवेदन प्रक्रिया आवेदन निम्न चरणों से गुजरती है- विश्वविद्यालय, डीम्ड विश्वविद्यालय और सरकार द्वारा चलायी जाने वाली शिक्षण संस्थाओं को एक एकल स्थल अनुमति ;ैपदहसम ॅपदकवू ब्समंतंदबमद्ध की सुविधा प्राप्त है। उन्हें अन्तर मंत्रालय समिति के द्वारा अनुमोदन जारी किया जाता है। इस समिति की अध्यक्षता सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव करते हैं उन्हें गृह मंत्रालय और मानव संसाधन विकास मंत्रालय से अलग से अनुमति लेना आवश्यक नहीं होगा। डब्ल्यू.पी.सी. ;ॅच्ब् ॅपदकद्ध विंग से आवृत्ति आवंटन (किस फ्रिक्वेंसी से रेडियो सुनायी देगा।) प्राप्त हो जाने पर पत्र स्व्प् ;स्मजजमत वि प्दजमजद्ध जारी कर दिया जाता है।जो शिक्षण संस्थाएं गैर-सरकारी अर्थात् प्राइवेट हैं और अन्य सभी दूसरे प्रकार के संगठन जो सामुदायिक रेडियो चलाना चाहते हैं, उन्हें रक्षा मंत्रालय और मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय ;भ्त्क्द्ध के साथ आवृति आवंटन ;थ्तमुनमदबल ।ससवबंजपवदद्ध की प्रक्रिया के बाद ही आशय पत्र ;स्व्प्द्ध मिलता है। यह आवृति आवंटन संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के के द्वारा प्राप्त होता है।
कभी-कभी जब एक स्थान के लिए एक से अधिक एकल आवृति वाले आवेदक होते हैं, तो निर्णय के लिए उनके कागजात उनकी समुदाय की जानकारी और जिस क्षेत्र में जिनके लिए सामुदायिक रेडियो खोल रहे हैं उनके प्रति उनकी प्रतिबद्धता देखी जाती है।
विज्ञापन और प्रायोजित कार्यक्रम के निश्चित नियम-
सामुदायिक रेडियो सिर्फ जनहित के और केन्द्र तथा राज्य सरकारों के प्रायोजित कार्यक्रमों का प्रसारण करने के लिए अधिकृत होते हैं। अन्य किसी प्रकार के प्रायोजित कार्यक्रम नहीं कर सकते हैं।
स्थानीय घोषणा और विज्ञापन के संदर्भ में सरकारों के प्रयोजित कार्यक्रमों के अतिरिक्त स्थानीय समुदाय की घटनाओं स्थानीय कारोबार, स्थानीय महत्व की घोषणा और सेवाओं के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर नौकरी की खबरों को सीमित तौर पर प्रसारित कर सकता है।ऐसी घोषणाओं और स्थानीय विज्ञापन की अवधि सरकार ने निश्चित कर दी है। यह है कि एक घंटे के प्रसारण में अधिकतम 5 मिनट के विज्ञापन प्रसारित करने की अनुमति सरकार ने प्रदान की है।
प्राप्त धनराशि सम्बन्धी नीति-निर्देशः-
सामुदायिक रेडियो को प्राप्त धनराशि का उपयोग सामुदायिक रेडियो मे उपयोग और सहायता के साथ उपकरणों की देखरेख में उपयोग में आयेगा।उसके बाद शेष धनराशि का उपयोग सरकार से पूर्व अनुमति प्राप्त करने के बाद सामुदायिक रेडियो संचालक एन.जी.ओं या शैक्षणिक संस्थानों के उपयोग मे लाया जा सकता है। परंतु धन का उपयोग समुदाय की सेवा में लगाया जाना चाहिए।
कार्यक्रमों का स्वरूप और कार्यक्रमों की विषय-वस्तु और प्रसारण सम्बन्धी नीति-निर्देश भी ऐसे है जो मूल्यपरक है-
1. समुदाय रेडियो द्वारा प्रसारित कार्यक्रम समुदाय की आवश्यकताओं के अनुरुप और तत्काल संदर्भ से जुड़े होने चाहिए। विषय-वस्तु विकासात्मक, कृषि सम्बन्धी, शैक्षिक, पर्यावरणीय मुद्दे, समाज उत्थान और विकास समुदय के विकास से जुड़े मुद्दे और समुदाय की सांस्कृतिक गतिविधियों से जुड़े मुद्दों पर होते हैं। कार्यक्रमों के निर्माण के समय यह ध्यान भी रखना चाहिए कि कार्यक्रमों स्थानीय सामुदायिक निवासियों की आवश्यकताओं के अनुरुप बनाये जाने चाहिए।
2. कार्यक्रम की विषय वस्तु में 50 प्रतिशत स्थानीय समुदाय की सहभागिता अवश्य होनी चाहिए।
3. कार्यक्रमों की भाषा स्थानीय होनी चाहिए।
4. सामुदायिक रेडियो स्टेशन को ऑल इण्डिया रेडियो द्वारा निर्धारित कार्यक्रम और विज्ञापन के प्रसारण के लिए बनायी गयी आचार-संहिता और नीति-निर्देशों को पालन करना चाहिए।
5. सामुदायिक रेडियो स्टेशन से प्रसारित सभी कार्यक्रमों की तिथि और सम्ूपर्ण विवरण प्रसारण तिथि के 3 माह बाद तक सुरक्षित रखना होगा।
6. सामुदायिक रेडियो स्टेशन समसामयिक और राजनीति तथा समाचार से सम्बन्धित किसी भी प्रकार के कार्यक्रम का निर्माण और प्रसारण नहीं करेगा।
7. लाइसेंस धारक को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह इस प्रकार के कार्यक्रम प्रसारित नहीं करेंगे।
(क) किसी भी भावना या शीलीनता को ठेस पहुंचाता हो।
(ख) किसी भी मित्र राष्ट्र की आलोचना करना, किसी भी धर्म, सम्प्रदाय, समुदाय की भावना के खिलाफ कार्यक्रम या दंगे, हिंसा बढ़ाने वाले कार्यक्रमों का निर्माण ना करना।
(ग) कार्यक्रमों, अश्लील, भद्दी, अपमानजनक, झूठ और आधी-अधूरी जानकारी प्रकट करने वाले नहीं होने चाहिए।
(घ) कानून विरोधी और हिंसा को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रम नहीं होने चाहिए।
(ड़) देश की एकता के विरुद्ध कार्यक्रम ना हो और ना ही कोर्ट का अपमान करने वाला है।
(च) सामुदायिक रेडियो स्टेशन देश के राष्ट्रपति या न्यायपालिका के सम्मान के विरुद्ध कार्यक्रम नहीं प्रसारित कर सकते।
(छ) कार्यक्रमें में व्यक्तिगत आलोचना, समाज में या नैतिकता विरोधी कार्यक्रम नहीं बना सकते।
(ज) अंधविश्वास या पाखंड के कार्यक्रम नहीं प्रसारित कर सकते।
(झ) महिलाओं के प्रति अपमानजनक शब्दों का प्रयोग नहीं कर सकते।
(ट) बच्चों के प्रति कोई अपमानजनक बात नहीं प्रसारित करेगा।
(ठ) शराब, नशा को बढ़ावा देते किसी भी प्रकार के कार्यक्रम प्रसारित नहीं करेगा।
(ड) इन सबके अतिरिक्त प्रसारण में जाति विशेष, धर्म विशेष किसी लिंग, वर्ण, आयु, शारीरिक मानसिक विकलांगता सम्बन्धी बातों को नहीं सम्मिलित करेगा।
(त) लाइसेंसधारी किसी भी सामुदायिक रेडियो कार्यक्रम के तहत धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाले धार्मिक आधार पर शोषण फलाने वाले कार्यक्रमों का प्रसारण नहीं करेगा।
लखनऊ में सिटी मांटेसरी स्कूल ;ब्डैद्ध के सामुदायिक रेडियो
लखनऊ में सिटी मांटेसरी स्कूल सामुदायिक रेडियो ब्डै गोमती नगर 90.4 मेगाहर्टस और ब्डै एल.डी.ए. कानपुर 90.4 मेगाहर्टस की फ्रिकेवेन्सी पर चला रहा है।वर्ष 2005 में इसको शैक्षणिक रेडियो के लिए लाइसेंस मिला इस दौरान सेलेबस, शैक्षणिक गतिविधियाँ व विषय से सम्बन्धित कार्यक्रम प्रसारित किये जाते रहे जिसमें शिक्षण व छात्र दोनों भाग लेते।2008 में दिल्ली में एक मीटिंग बुलाकर सरकार में निर्देश किये कि ब्डै को सिर्फ शैक्षाणिक नहीं विकास (ग्रामीण विकास) से जुड़े कार्यक्रम बनाये चहिए। तब से के रेडियो का स्वरूप समुदायिक रेडियो का हो गया। ब्डै स्टेशन चाहते है परन्तु उसे एक फिक्वेंसी -90.4 मेगाहर्टस पर दो स्टेशन चलाने की स्वीकृति मिली।जो कि अग्रलिखित है।
ब्डै गोमती नगर 90.4 मेगाहर्टस ब् डै एल.डी.ए. कानपुर 90.4 मेगाहर्टस
7.11 ।ण् ड 11.3 ।ण्ड
3.7 च्ण्ड 7.11 च्ण्ड
ब्डै के समुदायिक रेडियों का कंट्रोल रूम स्टेशन रोड स्थित ब्डै के हेड व्िपिबम से होता है।
ये दो स्टुडियों है जहाँ कार्यक्रमों का निर्माण, प्रसारण, रिकार्डिग होती है। कभी-कभी आवश्कता पड़ने पर गोमती नगर और एल.डी.ए. ब्डै की ब्रांच स्थित स्टुडियों का उपयोग भी कार्यक्रम के निर्माण के लिए होता है।इसके मुख्य चेयरपरसन जगदीश गाँधी है। समुदायिक रेडियो शुरू करने के पीछे इनका एकमात्र उद्देश्य समाज कल्याण व लोक सेवा है। यद्यपि सरकार ने एक घंटे में 5 मिनट के विज्ञापन की छुट दी है फिर भी यह विज्ञापन प्रसारित नहीं करते है। रेडियो की आय का स्त्रोत ब्डै स्वयं वहन करता है।
कार्यक्रम का स्वरूप - विकास से मुद्दे जिसमें स्थानीय लोगों की सहभागिता रहती है। हेड आफिस से सामुदायिक रेडियो कार्यक्रमों के प्रमुख वर्गीस कुरियन और आर. के. सिंह है।हर्ष बावा,सोमा घोष,वनिता शर्मा,रविन्द्र त्रिपाठी, के साथ स्थानीय समुदाय के अनेक एंकर और सदस्यों की सहभागिता से कार्यक्रमों का निर्माण किया जाता है।
सी.एम.एस. कम्यूनिटी रेडियो 90ण्4 मेगाहर्ट्ज पर
प्रसारित विशेष कार्यक्रमों का विवरण
प्रतिदिन स्ांकेत ध्वनि से रेडियो प्रसारण की शुरूआत होती है।कुछ कार्यक्रमों प्रसारण प्रतिदिन होता है।जिनमें अर्चना- अर्चना भक्ति गीतों का कार्यक्रम,बात पते की- उस दिन से जुड़ी रोचक और खास जानकारी,नन्हों की दुनिया- बच्चों का कार्यक्रम जिसमें कविता ,कहानी और एक रोचक सरप्राइज प्रस्तुती ,कम्यूनिटी गतिविधियां- समुदाय की रचनात्मक और सांस्कृतिक गतिविधियों पर आधरित कार्यक्रम
कार्यकम का नाम कार्यकम का विवरण दिन
अर्चना भक्ति गीतों का कार्यक्रम है जिसमें सर्वधर्म समभाव के आधार पर पॉच भक्ति गीत बजते है। प्रतिदिन
बात पते की उस दिन से जुड़ी रोचक और खास जानकारी देते है। प्रतिदिन
नन्हों की दुनिया बच्चों का कार्यक्रम जिसमें कविता ,कहानी और एक रोचक सरप्राइज प्रस्तुती के अंतगर्त ज्ञानवर्द्वक और मजेदार तरीके से बच्चों में मूल्यों का सृजन किया जाता है। प्रतिदिन
कम्यूनिटी गतिविधियां समुदाय की रचनात्मक और सांस्कृतिक गतिविधियों पर आधरित कार्यक्रम है। प्रतिदिन
गीतों की झंकार समुदाय की पसंद के गीत समुदाय के कलाकारों द्वारा सुनाये जाते हैं। सोमवार
जनहित में जारी यह लाईन फोन इन कार्यक्रम विशेषज्ञों के माध्यम से सरकारी एवं गैर सरकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी अपने श्रोताओं तक पहुचाता है।इस कार्यक्रम में कम्यूनिटी श्रोता फोन के माध्यम से विस्तृत जानकारी प्राप्त कर लाभ उठाते हैं। सोमवार
सिंहासन बतीसी रोचक नाटक सोमवार
नारी शक्ति महिला सशक्तिकरण से सम्बन्धित कार्यक्रम है।
सोमवार
ज्ञान अनुभव की बातें- इसमें सी एम एस के संस्थापक और और प्रबंधक डा.जगदीश गांधी और निदेशिका डा.भारती गांधी प्रेरक और अनुभवप्रद सीख जीवन के साथ अनुभव ज्ञान की बाते बताते है। प्रतिदिन
प्रेरणादायक प्रेरणादायक गीत में प्रेरणा देते गीत सुनाये जाते है। प्रतिदिन
रेडियो मैगज़ीन ज्ञान तरंग, ज्ञान का हर रंग यह रेडियो पत्रिका विभिन्न विषयों, इतिहास, अर्थजगत, फिल्म, महान व्यक्तित्व... आदि पर संक्षिप्त एवं महत्वपूर्ण जानकारी रोचक ढंग से श्रोताओं तक पहुंचाती है। मंगलवार
आओ सीखे विज्ञान विज्ञान और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी रोचक ढंग से श्रोताओं तक पहुंचाती है। म्ांगलवार
आस्था स्थली इस कार्यक्रम में अपने शहर के धार्मिक स्थलों के बारे में विस्तृत
जानकारी उस परिसर की देखरेख करने वाले सम्बन्धित लोगों से प्राप्त कर श्रोताओं तक पहुंचायी जाती है।
मंगलवार
अंग्रेजी की पाठशाला इसमें अंग्रेजी भाषा की जानकारी रोचक तरह से दी जाती है।
मंगलवार
एक मुलाकात
इसमें में समुदाय के विशेष लोगों से मुलाकात करवायी जाती है। मंगलवार
हम होगें कामयाब लघु और कुटीर उद्योगों की जानकारी दी जाती है। मंगलवार
योग और हम यह लाइव फोन इन कार्यक्रम योग विशेषज्ञ के माध्यम से लोगों
को योग के प्रति जागरूकता एवं उससे होने वाले शारीरिक एवं मानसिक लाभो से
अवगत कराता है। इसमें श्रोता फोन के माध्यम से किसी भी विकार को योग से
कैसे दूर किया जाता है इसकी जानकारी प्राप्त करता है।
बुधवार
रंग मंच इस कार्यक्रम में कम्यूनिटी सदस्यों के माध्यम से नाटकों में, विभिन्न किरदारों के माध्यम से, जीवन सम्बन्धी मूल्यों को समझाया जाता है।
बुधवार
अपना देश इस कार्यक्रम में भारत वर्ष के विभिन्न राष्ट्रीय उद्यानों, अभ्यारण्यों के
बारे में कम्यूनिटी सदस्यों के माध्यम से विस्तृत जानकारी श्रोताओं तक पहुंचाई
जाती है।
बुधवार
ज्ञान दर्पण जानकारी आधरित बुधवार
कम्यूनिटी बात-चीत इसमें समुदाय से जुडी जानकारी ,उनके द्वारा की गयी बातें और स्थानीय कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाते है।
बुधवार
सरगम शास्त्रीय संगीत पर आधरित कार्यक्रम बुधवार
एक अनोखी उड़ान समुदाय के विशेष लोगों से मिलवाना। वृहस्पतिवार
मन की बात आपके साथ परिचर्चा वृहस्पतिवार
अनमोल रतन इस कार्यक्रम में शहर की महिलाओं की उत्थान एवं विकास की
कहानी उनसे की गई बातचीत के माध्यम से श्रोताओं तक पहुंचाई जाती है। जो
प्रेरणा का काम करता है। वृहस्पतिवार
किसान मंच यह लाइव फोन इन कार्यक्रम विशेषज्ञों के माध्यम से किसानों की
खेती सम्बन्धी समस्याओं के निवारण के साथ-साथ श्रोताओं को भी बागवानी सम्बन्धी जानकारी देता है। वृहस्पतिवार
माटी के गीत लोकगीतों का यह लाइव फोन इन कार्यक्रम जिसमे समुदाय के लोगों को लोकगीतों को सुनने और सुनाने का अवसर मिलता है।
शुक्रवार
फोकस सी एम एस के छात्रों की प्रस्तुती शुक्रवार
अजब गजब पिटारा जानकारियां शुक्रवार
युवा मंच यह कार्यक्रम कम्यूनिटी के युवाओं के माध्यम से सम-सामयिक विषयों
पर परिचर्चाएं करवा युवाओं में प्रेरणा एवं जागरूकता लाने का प्रयास करता ळें
शुक्रवार
ढलती शाम को सलाम यह कार्यक्रम समाज के वरिष्ठजनों को समर्पितहै।जिसमें बुजुर्गों द्वारा जीवन मूल्यों एवं अनुभवों से जुड़ी हुई उनकी अपनीही कहानी उन्हीं की जुबानी श्रोताओं तक पहुंचाई जाती है। शुक्रवार
हमारे व्रत -त्यौहार वनिता शर्मा शनिवार
हम और हमारे कानून इस लाइव फोन इन कार्यक्रम में श्रोताओं को कानूनी सलाह दी जाती है। शनिवार
कम्यूनिटी का कमाल समुदाय के अनोखे सदस्यों से मुलाकात शनिवार
वीरगाथा देश के वीर शहीदों को समर्पित कार्यक्रम शनिवार
जरा बच के एडस जागरूकता पर कार्यक्रम शनिवार
संवाद - एक आशा इस कार्यक्रम मे विभिन्न विषयों पर कम्यूनिटी सदस्यों माध्यम से परिचर्चा आयोजित कर श्रोताओं तक मुद्दो को सरल कर निष्कर्ष तक शनिवार
कम्यूनिटी संगीत इस कार्यक्रम में ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं एवं पुरूषों द्वारा गाये लोक गीतों का प्रसारण किया जाता है। शनिवार
मेरी आवाज मेरी पहचान सी एम एस के छात्रों और अध्यापको की प्रस्तुती रविवार
सेहत की बात - डॉक्टर के साथ इस लाइव फोन इन कार्यक्रम में डाक्टरों के
माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य सम्बन्धी परामर्श दिया जाता है। श्रविवार
सी.एम.एस. रेडियो आपके द्वार श्रोताओं के घर जाकर उनकी ही आवाज में उनके गानें,बातों का सीधा प्रसारण रविवार
आइने लखनऊ और हमार जिला लखनऊ बेमिसाल पराम्राओं का शहर- शहर के दार्शनिक स्थलों और स्थनीय समुदाय की जानकारी
रविवार
सुनो कहानी
हमारी रसोई इस कार्यक्रम में कम्युनिटी सदस्यों द्वारा व्यंजन बनाने के तरीके
श्रोताओं तक पहुंचाये जाते हैं।
कल के कार्यक्रम
समापन उद्घोषणा
इन काय्रक्रमों के पहले प्रसारित कार्यक्रमों के अनेक कार्यक्रम ऐसे प्रसारित होते थे जो किसी ना किसी रूप में मूल्यों को भारतीय पराम्रा को संरक्षण प्रइान कर रहे थे जैसे सुनो कहानी जो कि प्रत्येक सोमवार को प्रसारित होने वाला यह कार्यक्रम कहानियों के माध्यम से बच्चो में अच्छे संस्कारों एवं व्यवहारों को उत्पन्न करने का प्रयास करता था। जिसमें कम्यूनिटी के बच्चो के माध्यम से ही इन कहानियों को श्रोताओं तक पहुंचाया जाता था।अम्मा की बातें कार्यक्रम में वरिष्ठ ग्रामीण महिलाओं द्वारा अनुभव और जीवन सम्बन्धी व्यवहारिक बातों का आदान-प्रदान किया जाता था।साथी हाथ बढ़ाना नामक कार्यक्रम के माध्यम से नित्य नये-नये विषयों से, श्रोताओ को सामाजिक कुरूतियों, अंध विश्वास एवं रोगों सम्बन्धी समस्याओं को दूर करने का प्रयास था। इसमें कम्युनिटी सदस्य भी सहभागिता करते थे।भविष्य में जमाना बदल गया कार्यक्रम प्रसारित करने की योजना है जो मैग्जीन विधा पर आधरित बेटियों और महिलाओं की समस्याओ का समाधान खोजता कार्यक्रम है।
निष्कर्ष-
1 सामुदायिक रेडियो के मूल सिद्वांत में सरकार ने मूल्यों को स्थान दिया है ।
सामुदायिक रेडियो और आवेदन प्रक्रिया की जटिलता और निष्पक्षता भारत सरकार के सामाजिक सांस्कृतिक उन्नति कृषि संरक्षण, पर्यायवरण रक्षा आदि के साथ-साथ स्थानीय समुदाय के शैक्षिक, विकासात्मक गतिविधियों के प्रसार-विस्तार के लिए सामुदायिक रेडियो के खोलने की मंशा को दिक्षाता है।इस प्रकार यह स्पष्ट दिखता है कि भारत में सामुदायिक रेडियो खोलने की प्रक्रिया जटिल और मूल्यपरक है।विज्ञापनों और वितिय सन्दर्भ में भी सरकार की नीतियां गैरलाभकारी और विकासपरक है।
2 सामुदायिक रेडियो की मूल्यों के संरक्षण में भूमिका निभा रहे है।
सामुदायिक रेडियो कार्यक्रमों के द्वारा मूल्यों का संरक्षण और स्थानीय संस्कृति परम्परा की धरोहर को सहेज रहा है।ढलती शाम को सलाम बुजुर्गो को समर्पित कार्यक्रम है तो नन्हों की दुनिया में बच्चों के लिए है।युवाओं और महिलाओं के रूचि के कार्यक्रमों के साथ साथसमुदाय की भागीदारी को महत्व दिया जाता है।यमय समय पर स्वास्थ्य शिविर और क्षमता निर्माण के लिए कार्यशाला का आयोजन किया जाता है।इसके कार्यक्रमों की प्रमुख विशेषता स्थानीय एंकरों और कलाकारों की सहभागिता है। सी.एम.एस के सामुदायिक रेडियो कार्यक्रमों की एंकरिंग में उस दिन से जुड़ी और रोचक और महत्वपूर्ण जानकारी देना है। इस प्रकार यह स्पष्ट है कि सामुदायिक रेडियों कार्यक्रम मीडिया के अन्य प्रकारों की तुलना में मूल्यों के संरक्षण में श्रोताओं की भागीदारी कार्यक्रमों के निमार्ण और प्रसारण में उल्लेखनीय भूमिका निभा रहे है।
संदर्भ ग्रन्थ सूची
1 ,2 जीवन मूल्यों के विकास में रेडियो की भूमिका सुबोध कुमार ल.ना.मि.वि.वि. ,दरभंगा
Natinal saminar on Radio For Equitable
Education To All organized by( DEP-SSA)At Madiangarhi IGNOU
3.सामुदायिक रेडियो एक परिचय- इन्दुप्रकाष श्रीमाली
4 शिक्षा तकनीकी-विजेन्द्र कुमार वशिष्ट
5-इलेक्ट्रानिक मिडिया एवं सूचना प्रौद्योगिकी-विजय कुमार आनन्द और राकेश नैम
6-भारत में शिक्षा का विकास-डॉ शरदेन्दु किसलय डॉ गोविन्द प्रसाद
7-जनसंचार के सिद्वांत-जगदीश्वर चतुर्वेदी
8-भारत में किसानों को जागरूक बनाने में समुदायिक रेडियो की भूमिका- गोविन्द जी पाण्डेय एंव साधना श्रीवास्तव 132 -137 भारत में कृषि शिक्षा शोध एंव प्रसार डॉ सुनील गोयल , डॉ श्रीराम गोयल , डॉ जय प्रकाश राय ,डॉ राजेश कुमार गोयल , डॉ सतेन्द्र नाथ सिंह-पोद्वद्वार प्रकाशक वाराणसी
9
9 Other Voices-The Struggle for Community Radio in India: K. Kanchan Malik and Vinod
Pavarala: Sage 2007
10- Policy Guidelines for setting up Community Radio Stations in India,
Ministry of Information &
Broadcasting, Govt. of India
11-COMMUNITY RADIO – A STIMULANT FOR ENHANCING
DEVELOPMENT
THROUGH
COMMUNICATION
By
Ankita Chakraborty
Student
of the Department of Mass Communication,University of Burdwan, West Bengal,
India
12
Community Radio Celebrating a Decade Of People ‘S
Voices Compendium 2013 Community
Radio Stations
in
India- Compiled and Edited byJayalakshmi Chittoor(Ministry of
Information and Broadcasting Government of India and Commonwealth Educational Media)
Researched
and Edited by one world.net(one world Foundation
India)
13- Compendium 2012Community Radio Stations
in
India- Compiled and Edited byJayalakshmi Chittoor(Ministry of
Information and Broadcasting
Government of India and Commonwealth Educational Media
Centre
for Asia (CEMCA), New Delhi)
वेब-साइट
http://www.digitallearning.in/articles/article-details.asp?articleid=1957&typ=COVER%20STORYजानकारी उपलब्ध कराने में सी एम एस टीम का सहयोग रहा।