Sunday, April 12, 2020
पथ और मंजिल
पथ और मंजिल
पथिक तुम भटके हो पथ से
या कोई भ्रम तुमको है
बात तो सही है पथ भी सही है
फिर क्यों मंजिल दूर है
उलझे हो मन के झंझावातों में
उलझे हो या पथ के कांटो ने रोका है
जब मंजिल है इस पर स्थिर
तो तुम क्यों अस्थिर चकाचौंध है
जिसमें खो गए हो
इससे निकले की रोशनी की किरण
सवाल तो बहुत है जवाब सिर्फ तुम हो
अपनी उलझनों से निकलो
आगे बढ़ो कोई भी हो मंजिल तो पता है
फिर कैसे कोई चक्रव्यू क्यों रोकता है
आगे बढ़ो आगे बढ़ते रहो
आगे बढ़ते रहने से हिम्मत मिलेगी
पथिक तुम्हारा होगा मार्ग प्रशस्त
यहीं पर तुम्हें देगा मंजिल का रास्ता
पथ और मंजिल का है गहरा रिश्ता
यह रिश्ता तोड़ना ना मंजिल के पाने से पहले
अपने पथ को छोड़ना ना
तुम्हारी मंजिल है तुम्हारी
बस यही है और मंजिल की कहानी
डॉ साधना श्रीवास्तव
Thursday, April 9, 2020
Sunday, April 5, 2020
दिवाली नहीं है एकता की परंपरा निभाई है
दीया जलाकर दिवाली नहीं मना मनाई है
बढ़ाया है हौसला और हिंदुस्तान से मोहब्बत निभाई है
जब हालात कठिन हो और मन थोड़ा डरा हो उस वक्त खुद की रोशनी से मुलाकात कराई है रोशनी से उन मेहनती
लोगों की हिम्मत बढ़ाई है
लोगों की हिम्मत बढ़ाई है
जो करोना के काम वीर हैं उनकी की हौसला अफजाई है
याद किया है अपने अपने ईश्वर को और अपनों को
कि बैठे हो तुम दूर कहीं पर दिल में
एक करीबी है जो वह निभाई है
एक दिया जलाकर दिवाली नहीं बनाई है
बल्कि दुनिया में भारत की रोशनी फैलाई है कहना चाहूंगी उनसे जिनको तो एतराज इस बात से एक दिया क्या कर लेगा मुश्किलों में हालातों से क्या वह अकेला लड़ लेगा
कहना है उनसे सिर्फ इतना एकता की परंपरा बनाई है
हम सब भारतवासियों की हौसला अफजाई है कुछ ना कर सको तो
जो पल मिले हैं खुशियों के
उन पर ही कुछ ऐतबार करो
दिवाली ना सही दिए पर रखो ऐतबार
करो हौसला रखो अंधेरा दूर होगा और जीवन में नया प्रकाश होगा करो ना हारेगा और भारत जीतेगा जय हिंद जय भारत
Friday, April 3, 2020
उत्तर से पूर्वोत्तर का प्यार आसामी हिंदी लोरी
उत्तर से पूर्वोत्तर को प्यार
आसाम और हिंदी भाषा की लोरी
https://youtu.be/8h47CDTRhHo
आसाम और हिंदी भाषा की लोरी
https://youtu.be/8h47CDTRhHo
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