इंसान जब उदास होता तो उसे कुछ नही दिखाई देता मंजिल की तलाश में भटकते अपनो और परायो के बीच सकून और रिश्ते खोजता हैं मेरी कहानी निगेटिव का हीरो भी ज़िंदगी की भाग दौड़ ऐसा अकेला हो गया। .
यू तो उसके पास सब था और देखो तो कुछ नही था। ……।
ऐसा क्या हुआ उसके साथ और वो कैसे अपने होसलो से दुनिया से लड़ गया जानना चाहते है तो देखते रहिये मेरा ब्लॉग। अगर आपके साथ भी कभी ऐसा हुआ तो जरूर शेयर करे
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