Monday, February 23, 2015

इंटरनेट का नशा 63

आज फिर देर हो गयी थी क्या करे सुबह 4 बजे तक तो लैपटॉप में बिटिया कुछ कर रही थी.
माँ ने सोचा कुछ कहना ही बेकार है ओह क्या सोचा समझा था कि बेटी बेटे में फर्क नही करेगी। बेटे को कंप्यूटर क्लास जॉइन करायी तो बेटी भी को अपनी जिद से लैपटॉप दिला  दिया  . अब उनकी सुनता कौन था बेटा घर से बाहर रहता और बिटिया ने घर में ही लैपटॉप को अपनी दुनिआ बना लिया था अकेले ही रसोई में कुछ बना रही थी.
पिता जी ने गुस्से में इंटरनेट और लैपटॉप बनाने वालो पर कटु शब्द बोल कर मन शांत कर लिया था
भाई ने बहना को उपदेश दे डाला इंटरनेट का नशा ठीक नहीं है। …………………………………।
दरवाजे की घंटी बजती हैं। ……
कुरियर वाला गिफ्ट और फूल लेकर दरवाजे पर खड़ा था बेटी ने माँ को गिफ्ट देते हुए कहा जनदिन मुबारक

सारे घरवाले भूल गए थे कि आज माँ का जन्मदिन है. बिटिया देर रात तक माँ के लिए गिफ्ट खोज रही थीं। उसने   ही फेसबुक पर देखा था की लोग रिश्तो से दूर जा रहे और इंटरनेट के  नशे के आदि हो रहे तब ही उसने सोच लिया इंटरनेट का नशा से रिश्तो की दवा कर ली जाये। … ताकि लोग ये जान ले की कोई भी चीज सिर्फ तरीका और इस्तेमाल से अच्छी बुरी बनती है। .... साधना श्रीवास्तव वाराणसी

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