बढ़ गई थी दिलों में दूरियां चलो कुछ तो करीब आया जाए
बहुत हो चुकी दुनिया में भागम भाग
चलो कुछ पल सुकून से घर में बिताया जाए
दूर हो गए थे अपनों से
कुछ भागे थे ऐसे
सपनों के पीछे
ऐसे प्रकृति ने एहसास दिलाया सपने भी तो पूरे तभी होंगे
जब अपने होंगे
चलो खुद को ना सही अपनों को
बचाया जाए
थोड़े दिन को अपने ही घर में ठिकाना बनाया जाए
ना भटके बंजारों से इधर-उधर
बहुत हो चुकी दुनिया में भागम भाग
चलो कुछ पल सुकून से घर में बिताया जाए
दूर हो गए थे अपनों से
कुछ भागे थे ऐसे
सपनों के पीछे
ऐसे प्रकृति ने एहसास दिलाया सपने भी तो पूरे तभी होंगे
जब अपने होंगे
चलो खुद को ना सही अपनों को
बचाया जाए
थोड़े दिन को अपने ही घर में ठिकाना बनाया जाए
ना भटके बंजारों से इधर-उधर
बस कुछ पल राहत की सांस लें
अपनी-अपनी और प्रभु को याद
करें घर में ही कुछ आराम करें आराम क्या करें इस समय कुछ ऐसे बिताएं कि आने वाले पलों को याद करें
अच्छे बुरे कर्मों को बुलाया जाए इस मुसीबत से बचाए तो
करो
करोना से निपट जाए तो
नई जिंदगी के सपनों को फिर से सजाया जाए
चलो कुछ दिन तो अपने घर में अपनों के साथ बिताया जाए
घर में रहे चैन से नहीं अपनों के साथ सपने जिए
सपनों के लिए अपने होने चाहिए अपनों के लिए सपने घर से बाहर ना जाए
अच्छे बुरे कर्मों को बुलाया जाए इस मुसीबत से बचाए तो
करो
करोना से निपट जाए तो
नई जिंदगी के सपनों को फिर से सजाया जाए
चलो कुछ दिन तो अपने घर में अपनों के साथ बिताया जाए
घर में रहे चैन से नहीं अपनों के साथ सपने जिए
सपनों के लिए अपने होने चाहिए अपनों के लिए सपने घर से बाहर ना जाए
डाॅ साधना श्रीवास्तव
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