Wednesday, July 22, 2020

Siyapa Zindgi Ka part -२ (Pain of Relationship- रिश्तों का दर्द

Siyapa Zindgi Ka part -२ (Pain of Relationship-   रिश्तों का दर्द


ज्यादा इंतजार तो नहीं करना पड़ा आपको

यह सफर जिंदगी का है
Siyapa ज़िन्दगी -१ की शुरुआत में इतना प्यार देने के लिए धन्यवाद आज की श्रृंखला की दूसरी किस्त रिश्तो का दर्द आपको बताने और सुनाने जा रही हैं

रिश्ते सुख का आधार भी होते हैं और जीवन का सार भी होते हैं परंतु यही रिश्ते जब आपके सामने दीवार बन जाए और आपकी जिंदगी से सुकून होने की वजह बन जाए तो उस दर्द को आप बयां भी नहीं कर सकते हैं बता भी नहीं सकते हैं,

शुरुआत कुछ ऐसी है कि यह मेरी ही नहीं सभी की कहानी इस लॉकडाउन के दौरान कितने दर्द के छुपे किस्से सीने में ही दफन हो गए एक और जहां जाओ और पैसों का संकट आया तो वहीं दूसरी ओर असली और नकली रिश्तो की पहचान भी हुई है,


2020 का साल जीवन बचाने का साल हो गया लेकिन korona तो हमारा मास्टर बन गया
जो जिंदगी ना सिखा पाई जो सच हमें हमारी आंखें न दिखा पाए वह आइना हमें korona काल ने दिखा दिया,

महाभारत के अर्जुन से लेकर लॉकडाउन में बंद घरों की दीवारों में बैठे लोगों तक अपने ही रिश्तो की आगे और आत्मसमर्पण द्वंद और प्यार की कशमकश है,


अपने दर्द को होठों पर छुपा छुपा कर अपनों को खुश रखना ही जिंदगी है

लेकिन जब वही अपने आप से चालाकी करते हैं
झूठ बोलते हैं या उनकी बातों में अंतर आता है तो जो तीर दिल में चुभता है
वह इतना घातक होता है कि अपना आत्मविश्वास और रिश्तो की नींव सब हिल जाता है,

किसी एक की बात नहीं कर रही हूं हमारा और आप सब का दर्द है कोई प्यार का मारा है तो कोई टूटा दिल बेचारा है किसी को भाई ने छोड़ा है तो किसी को बहनों ने आहत किया है
कलियुग में तो माता पिता परिवार रिश्ते सब रूप बदल रहे है

पति और पत्नी के किस्से तो घरेलू हिंसा की फाइलों में दब गए परंतु जिन दोस्तों को अपना माना था कभी-कभी वह भी दे गए धोखा और उस धोखे ने इंसान को अंदर तक तोड़ देता है,



आज हर शक्स अकेला है खुद में

बस एक ही बात निकलती है सब पूछ लेना बस हाल मत पूछना मेरे दोस्त

ऐसे रिश्ते को तरस जाता है दिल जो आपकी हंसी के पीछे के दर्द को समझ सके

Social distancing क शब्द तो अब आया है रिश्तो में तो कब से दूरियां आ गई थी

रिश्ते के दर्द को जो लोग फील करते हैं टूट कर भी नहीं टूटते हैं जिंदगी उन्हीं का साथ देती है

अकेलेपन से मत घबरा एक जगह धोखा मिले तो नई जगह दिल लगा मुन्ना भाई की फिल्म नहीं जिंदगी का भी यही फलसफा है
 यूं ही नहीं कहा जाता पूरी दुनिया हमारी और हम पूरी दुनिया के हैं


हर शख्स तन्हा सा है और रिश्तो को खोजता है

समाज को दिखाने बताने को बहुत रिश्ते हैं लेकिन वही रिश्ते कहीं न कहीं दर्द की वजह होते हैं रिश्ता कोई भी हो सकता है

कहानी मेरी और आपकी नहीं हर एक की है कहना सिर्फ इतना है कि आपका दिल टूट रहा है तो आप दूसरे के दिल के टूटने की वजह ना बने

दूसरे धोखा कर रहे हैं आपसे ईमानदारी नहीं निभा रहे हैं तो भी आप अपने हिस्से की ईमानदारी निभाई है अपने से भी और अपनों से भी such कहे उनका साथ दे


रिश्तो का दर्द सबसे तकलीफ दे होता है यह जिसने सहा है वही समझ सकता है

छोड़ा जा सकता है ना अपनाया जा सकता है

गीता का ज्ञान रिश्तो के दर्द से ही उपजा था

 बुद्ध की व्यथा ने भी संघर्ष पथ में आगे बढ़ने के लिए रिश्तो को छोड़ा था

त्याग विश्व के काम आया था


रिश्तो का दर्द तोड़ता भी है और जोड़ता भी है
 तो आप तोड़ने वालों में नहीं जोड़ने वालों में रखिए
 खुद को रखिए और अगर खुद को अकेला फील करते हैं तो भी उस ऊपर वाले से रिश्ता बनाए रखें इसमें कहीं ना कहीं एक सकारात्मक सकता है जो आपको आगे बढ़ने का हौसला और मंजिल देती हैं

अगर आप अपने रिश्तो में ईमानदार रहेंगे तो जो आपके काबिल है वह आपकी जिंदगी में बस जाएंगे बाकी की चटनी और दूरी वो ऊपर वाला खुद ब खुद कर देगा

तू ना तो रिश्तो में दर्द दे ना तो रिश्तो में दर्द ले हौसलों से जिए उत्साह में रहे और

खुद रिश्तो में दर्द नहीं प्यार की वजह बनी है दूसरों के दुख कि नहीं सहारा बनिए

सबसे पहले अपनी मदद के लिए अपने आप से रिश्ता निभाएं

तभी आप दुनिया से रिश्ता निभा पाएंगे और अगर आप खुद को अकेला महसूस कर रहे हैं आप मेरा एक सॉन्ग जोकि मेरे युटुब चैनल पर है उसे सुन सकते हैं


https://youtu.be/E6WqIXRO-G4

के बारे में आपकी अनुभव क्या रहे हैं आपके रिश्तेदार देते हैं या सुकून इस बारे में आप क्या कहते हैं आपकी राय का और सहयोग का स्वागत है


Dr sadhana Srivastava

10 comments:

  1. दुःख का सबसे बड़ा कारण अपेक्षा है चाहे ईश्वर से हो इंसान से अतः मुसीबत के समय अपनो की मदद करे और बिना अपेक्षा के आगे बढ़े।रही बात रिश्तों की तो बात निकली है तो बहुत दूर तलक जाएगी कुछ रिश्ते मजबूर होते है और कुछ रिश्ते मगरूर हा अवसरवादियों की तो बात ही निराली है जब वह मुसीबत में होते है तो वह आपके सबसे करीब नजर आते है और काम निकलते ही ऐसा रिएक्ट करते है कि आपको पहचानते ही नही और पुनः आवश्यकता पड़े तो बड़े बेहयाई से अपना मतलब सिद्ध करने का प्रयास करते है।बड़े कमाल के ये रिश्ते होते ऐसे रिश्तों का बस मजा लीजिए।लेकिन कुछ अजनबी ऐसे भी होते है जो बिना कहे आपकी मदद को तत्पर रहते है।ऐसे रिश्तों को संभाल कर रखने की जरूरत होती है।अबतक के जीवम में तो इतने टाईप के रिश्तों से रूबरू होने का अवसर मिला है।रही बात कोरोना की तो न चाहते हुए भी इस वायरस का धन्यवाद देना चाहिए क्योकि इस वायरस ने हमारी हद बता दी जहाँ हम पूरा जीवन उल्टा सीधा गलत या सही की पहचान किये विना पैसा कमाने में लगे रहे जबकि दो महीने के लॉकडाउन हमारा गुजरा बरमूडा और टीशर्ट में हो गया कहाँ गए ब्रांडेड कपड़े हम चहलकदमी करते रहे दरवाजे पर लाखों रुपये की गाड़ियां खड़ी रह गयी हम रोटी सब्जी खाकर गुजारा कर सकते है पिज्जा बर्गर की कहा जरूरत पड़ी ।इस वायरस ने हमे सादा जीवन और उच्च विचार वाली कसौटी पर खड़ा किया है इस संकेत को अगर हम आज समझ गए तो ठीक वरना तैयार रहिये कठिनाईयों का सामना करने के लिये और हा last but not list जहाँ कल तक हमारे पास अपनो के लिए समय नही होता था आज प्रयाप्त समय है अपने रिश्तों के लिए तो बस आनन्द उठाइये,,,,,,धन्यवाद ,अगर कुछ ज्यादा कह दिया तो क्षमा प्राथी
    ,,सर्वेश त्रिपाठी

    ReplyDelete
  2. बहुत सही और शानदार अभिव्यक्ति

    सारे सत्य वचन

    ReplyDelete
  3. बहुत सही और शानदार अभिव्यक्ति

    सारे सत्य वचन

    ReplyDelete
  4. Thanks ..ap sab apna name place bhi btayege to achaa lagega

    ReplyDelete
  5. This story is very close to me ma'am.superb!
    Nagendra
    Prayagraj

    ReplyDelete
  6. Thanks...sabki life ki uljhi kahani aisi hi hai...



    Bus khush rhna aur raste niklna .jruri hai

    ReplyDelete