Sunday, July 26, 2020

siyapa ज़िन्दगी का 🤣😂 part-3 wake up for Happiness खुशी के लिए बेहोशी से जागना होगा


   siyapa ज़िन्दगी का 🤣😂 part-3      wake up for Happiness  खुशी के लिए बेहोशी से जागना होगा


कैसे हो दोस्तों मजे में हो

क्या कहा बहुत हैरान परेशान
हो
अरे चिल मारो परेशानियां सबकी जिंदगी में चल रही है
सुकून खत्म हो गया है कोरोना के केश ज्यादा गए हैं
और जिंदगी रुक सी गई है
आपाधापी है और मन खुशी को तलाश रहा है

अरे जनाब जी आपकी नहीं सबकी हालत है
 तो थोड़ा रिलैक्स करो ठंड मारो और दिमाग को भी ठंडा करो माना तासीर गर्म चीजों की खानी है और korona की बीमारी से घर बैठे ही दो-दो हाथ करने हैं,

कर ली सबने खूब तैयारी है और ऐसा लगता है कि मन का उत्साह भी गर्मी की बारिश सा हो गया है

जो बहुत कम दिखाई देता है परंतु धूप की अपने मजे हैं अब बारिश का अपना आनंद मौसम जो भी हो जिंदगी तो एक ही है तो थोड़ा गुनगुना ले थोड़ा हौसलों को बढ़ा ले
और मरना तो सबको एक दिन है डर को अपने दिल से हटाकर उमंगो और हौसलों को जगा ले

बहुत हो गई उदासी की बातें डरते डरते बीती ये रातें अब तो बस मन में ठानी है कि बहुत हो गई उदासी अब तो जितने दिन बचे हैं जिंदगी के अपने और अपनों के लिए मुस्कुराना है और खुश रहना है जनाब ही बहुत मुश्किल नहीं है


हमे परंतु सफलता और संतुष्टि के अंतर को समझना होगा

 हम सफलता के पीछे भाग रहे हैं और जीवन की वास्तविक खुशियों को पीछे छोड़कर जा रहे हैं जिंदगी का एक पल दोबारा नहीं मिलेगा यह नहीं सोचते हैं और हमारे पास क्या-क्या नहीं है बस यही सोचते रह जाते है

जिंदगी के बेशकीमती लम्हों को उदासी के हवाले कर देते हैं चिंता की चिता में अपनी खुशियों को जला देते हैं ,
परंतु यह भूल जाते हैं कि जिंदगी उसी की है जो तूफानों पर भी अपनी कश्ती चला ले गया।
 बवंडर से भी अपने जहाज को बचा ले गया ज्यादा कुछ नहीं करना है।
 बस हमें अपने दिमाग में हो रहे केमिकल लोचा या कहे तो डिप्रेशन और तनाव दूर करना है ।

हर एक के दिमाग की वायरिंग अलग अलग सी है हर एक दूसरे का जीवन लुभाना लगता है एक शादीशुदा लड़की सिंगल लड़की के जीवन से जलती है या सही शब्दों में कहे तो आजादी अकेलेपन और मी टाइम खोजती है

तो वहीं कोई सिंगल शादी सपने बुनती
तो कोई शादी के बाद divorce को झेल चुकी होती तो कोई कम उम्र में  ही विधवा होने की त्रसादी झेलती है

लड़कियों को लड़कों की तो लड़कों को लड़कियों की ज़िन्दगी आसान लगती है।
जनाब लड़कों की तो और muskil हो जाती है।
नौकरी ,प्यार,परिवार तो ना जाने की पंगे पार लगाने होते ज़िन्दगी के जैसे कि नौकरी करने वाला छुट्टी को तरसता है घर में रहने वाला नौकरी मिलने जुगाड़ में लगा रहता है।
तो कोई माताजी और बीबी के झगड़ो को ही सुलझाता रह जाता है।
घर चलाने के लिए पिता की कुर्बानियों को कितने याद रखते है।
ममता का मोल सब चुकाते पर पिता के दर्द को कितने समझ समझ पाते।
सबकी जिंदगी के अपने अपने किस्से है।

हमारे पास क्या है यह छोड़कर दूसरों को क्या मिला है यह देखने में ही जिंदगी गवा देंगे

कुछ पल अपनों के साथ बैठो या अकेले मेंआत्ममंथन करो

योगा करो या डांस करो क्रिकेट खेलो या बच्चों के साथ मस्ती करो बागवानी करो

किताबों को पढ़ो किताबों को पढ़ो और जिंदगी के गीत सुनाओ

बहुत खूबसूरत है यह जिंदगी इसमें सियापे बिल्कुल भी नहीं सिर्फ हमारी सोच के पहरे  है


सबके दिमाग के बाहर में कोई कनेक्शन छूट गया है और वह दूसरे को सिर्फ अपनी समस्याएं सुनाने में लगा है एक बार अगर हम सामने वाले को देखें तो समझ पाएंगे कि उसके मुस्कुराते चेहरे के पीछे भी कुछ  सियाँपा जरूर है


खुशी तो चंद लम्हों की मेहमान है सामने वाले का मुस्कुराता चेहरा उसके दर्द के ऊपर एक नकाब है आप यह एक बेहोशी में सो रहे हैं कि सामने वाला बहुत खुश है सारे सियाँपे ऊपर ने आपके जिंदगी में दिए हैं

ऐसा बिल्कुल भी नहीं है हमारे सामने बस वह सामने वाला अपना दर्द नहीं बताता अपने सियापे छुपा के मुस्कुराता तो आप भी बेहोशी जाग जाओ

खुद को ये एहसास दिलाओ की बहुत सी आप धापी और चिता हो गई
 बहुत तनाव है परंतु थोड़ा मुस्कुरा भी ले थोड़ा हंस भी ले और चिंताएं छोड़ कर थोड़ी मानसिक अवस्था पर ध्यान देंगे तो निश्चय ही कोरोना क्या हम बड़ी से बड़ी बीमारी और संकट से लड़ लेंगे जो ताकत हमारे मन की है वह ताकत सकारात्मक सत्ता ने दी है


बस हमारे साथ कुछ बुरा हो रहा है ऐसी बेहोशी में ना सोए बस जो भी है आज है अभी है और हम अपने कल को आज से बदल सकते हैं इसलिए अपने सोच की ताकत को जगाओ बेहोशी से जाग जाओ जीवन में खुशियां खोजनी नहीं खुशियों को जीना है जो आज है इस पल में है वही आपका है और वही आपके कल की खुशियों का आधार बनेगा

आपको क्या लगता है कि मैं कुछ गलत कह रही हूं या सही जिंदगी के सियापो  को कम करने और खुशी खोजने तलाश में आप क्या कहते हैं आपके विचारों का स्वागत है

डॉ साधना श्रीवास्तव





8 comments:

  1. शानदार अभिव्यक्ति ,वर्तमान को जिंदादिली से जीना ही असली कला है।
    सर्वेश त्रिपाठी

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  2. क्या खूब लिखा है आपने वास्तव में आज के समय में जिंदगी आसान नहीं थोड़ी मुश्किल हो गई है सभी के लिए एक लड़की के लिए भी और एक लड़के के लिए भी मगर समाज में हमेशा ही मुश्किल दौर लड़कियों के लिए ही होता है मगर हर दौर के बाद एक नया दौर आता है और हर रात के बाद एक सुबह होती है जो हमें नया जीवन देती है बहुत ही बेहतरीन

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  3. क्या खूब लिखा है आपने वास्तव में आज के समय में जिंदगी आसान नहीं थोड़ी मुश्किल हो गई है सभी के लिए एक लड़की के लिए भी और एक लड़के के लिए भी मगर समाज में हमेशा ही मुश्किल दौर लड़कियों के लिए ही होता है मगर हर दौर के बाद एक नया दौर आता है और हर रात के बाद एक सुबह होती है जो हमें नया जीवन देती है बहुत ही बेहतरीन

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