Thursday, July 9, 2020

Diwali नहीं एकता की परम्परा निभाई है

 दीया जलाकर दिवाली नहीं मना मनाई है
 बढ़ाया है हौसला और हिंदुस्तान से मोहब्बत निभाई है
जब हालात कठिन हो और मन थोड़ा डरा हो उस वक्त खुद की रोशनी से मुलाकात कराई है रोशनी से उन मेहंदी लोगों की हिम्मत बढ़ाई है
जो करोना के काम वीर हैं उनकी की हौसला अफजाई है
याद किया है अपने अपने ईश्वर को और अपनों को
कि बैठे हो तुम दूर कहीं पर दिल में
एक करीबी है जो वह निभाई है
एक दिया जलाकर दिवाली नहीं बनाई है
बल्कि दुनिया में भारत की रोशनी फैलाई है कहना चाहूंगी उनसे जिनको तो एतराज इस बात से एक दिया क्या कर लेगा मुश्किलों में हालातों से क्या वह अकेला लड़  लेगा
 कहना है उनसे सिर्फ इतना एकता की परंपरा बनाई है
हम सब भारतवासियों की हौसला अफजाई है कुछ ना कर सको तो
जो पल मिले हैं खुशियों के
उन पर ही कुछ ऐतबार करो
दिवाली ना सही  दिए पर रखो ऐतबार
करो हौसला रखो अंधेरा दूर होगा और जीवन में नया प्रकाश होगा करो ना हारेगा  और भारत जीतेगा जय हिंद जय भारत

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