Thursday, July 9, 2020

Poem korona

करोना से लड़ो ना उस से डरो ना आपस में नहीं जाति धर्म और राजनीति के लिए नहीं देश के लिए समाज के लिए अपने लिए और अपने अपनों के लिए अब तो एक रहो ना अब तो बागी बनो ना कह रही प्रकृति जो संदेश उसे समझो ...



करोना से लड़ो ना
उस से डरो ना आपस में नहीं
जाति धर्म और राजनीति के लिए नहीं
देश के लिए समाज के लिए अपने लिए
और अपने अपनों के लिए अब तो एक रहो ना अब तो बागी बनो ना कह रही
प्रकृति जो संदेश उसे समझो ना
करोना से लड़ो ना दिल से
एक थैंक्स उन सबको कहो ना जो आज भी लड़ रहे है करोना से
अब तो आपस में झगड़ों ना प्यार से रहो ना
करोना से लड़ो ना
अपने लिए ना सही तो अपनों के लिए कुछ दिन घर पर तो रहो ना
डॉ साधना श्रीवास्तव

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