Tuesday, July 7, 2020

The girl

 वह लड़की
बहुत छोटी सी लड़की
जिसकी आंखों में नहीं हाथों में था पानी
हर राही से पूछ रही थी वह स्टेशन पर पानी बेच रही थी
थी नन्ही सी खुद भी जो प्यासी
फिर भी कर्म पथ की अनुरागी
कड़ी तपती धूप बड़ी थी
फिर भी जीवन से हार न मानी
उसके नन्हे बनने पर तो जलते थे
पर तो जलते थे पर हाथ तो सब की प्यास मिटाते
वही बगल में एक भिखारी मांगे भी
जिसको नन्ही लड़की दे गई थी सीख
लगन अगर सच्ची हो तो कुछ भी कर सकती है नन्ही सी बच्ची बूंद बूंद सब की प्यास मिटा दें कितनी मेहनत वह करती थी
हाल देख कर जग को सारे मेरी आंखो में आ गया था पानी
वह नन्ही सी लड़की पानी को बेच रही थी

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